sare Jahan Se Achha | Desh Bhagti Song | सारे जहाँ से अच्छा Geet Lyrics

sare Jahan Se Achha | Desh Bhagti Song | सारे जहाँ से अच्छा Geet Lyrics

सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिन्दोस्तां – एक गीत, एक कहानी, एक इमारत जो आसमानों में बुलंदी से छूती है। इस धरती की मिसाल, इसकी अनूती खूबसूरती का इतिहास जो हर नदी, हर पहाड़, और हर फूल में बसी है।

इस देश की बोल है, “हम हैं इस देश के, गर्व से यही कहें हम हमारा”। यहाँ का हर कोना है मजबूती से भरा, और हर दिल में बसा है इसका जूनूना। प्यार से बढ़कर, इस मिट्टी का रिश्ता है हमारा दिल, और यह है हमारा इरादा।

परचम ऐ सितारा ओ हिलाल, रहे ये जवाँ चमन, आसमान गुलज़ार हमारा – यहाँ का आसमान हमें बुलंदी में ले जाता है, और हमारी शान फिर एक बार दिखाता है।

सारे जहाँ से अच्छा, यही है हमारा गीत – एक ध्वनि, एक मेलोदी जो हर दिल को छू जाती है। हम बनाएंगे इसे, सुनेंगे हर दिल, हर ओर है इसकी रौशनी, हर चेहरे पर है मुस्कान।

इस देश की धरती में बसी अमर भावना, हम सब की जुबान पे है देशभक्ति का गाना – यहाँ का हर कोना भरा है उत्साह, और हम सब इस गाने में हैं भरा हुआ।

सारे जहाँ से अच्छा, हमारा दिल कहता है – यह है एक ऐसा देश, जिसमें है सब कुछ खास। इस धरती पर रहकर अपना सपना पूरा करेंगे हम, सारे जहाँ को दिखाएंगे हमारा यहाँ का दम।

सारे जहाँ से अच्छा, इसका हर शहर है, हमारा देश प्यारा, हर दिल में बसा है – इस देश की एक अनूती पहचान, जिसमें है सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिन्दोस्तां।

यहाँ का हर शहर है, एक अपना ताजगी भरा किस्सा। सजीव इतिहास के पन्नों में हमारे देश की महक महसूस होती है, जिसमें है सबसे बड़ी गर्व और अभिमान की भावना।

इसकी जड़ें हैं गहरी भूमि में, और शाखाएं हैं चमकती हैरत के सितारों में। हर एक इन्सान की आँखों में बसी है यह देशभक्ति की भावना, और हर दिल में धड़क रहा है एक हिन्दोस्तानी के लिए।

सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिन्दोस्तां एक प्रेरणा स्रोत है। यहाँ की धरती से ही निकलती है वह साकार और निराकार शक्तियाँ, जो हर कदम पर हमें मार्गदर्शन करती हैं।

परचम ऐ सितारा ओ हिलाल, रहे ये जवाँ चमन, आसमान गुलज़ार हमारा – यह चमन हमारा है, जिसमें हर फूल कहता है कि यहाँ हर रंग, हर बू सिर्फ हिन्दोस्तान के लिए है।

सारे जहाँ से अच्छा, यही है हमारा गीत, एक वीर गाथा जिसमें हर नागरिक एक सेनानी है। हम बनाएंगे इसे, सुनेंगे हर दिल, हर ओर है इसकी रौशनी, हर चेहरे पर है मुस्कान, क्योंकि हमारा हिन्दोस्तां यहाँ से ही है सबसे प्यारा।

इस धरती पर छाए हुए हैं अद्भुत संस्कृति और तात्कालिकता के मिश्रण के नतीजे। यहाँ की सड़कें, बाजारें, और मंदिरों की श्रृंगारपूर्णता ने हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाया है और इसे एक समृद्धि और विकास की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

इस देश की धरती में बसी अमर भावना, हम सब की जुबान पे है देशभक्ति का गाना – यहाँ का हर इंसान, हर जाति, हर धर्म एक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भारत की भावना का हिस्सा है। रंग-बिरंगा है यहाँ का सामूहिक रंग, और हमारी भाषा एक समृद्ध भूमि की मिसाल है।

सजग नजरों से देखो इसकी रौशनी, हर कदम पर भारतीयता की मिसालों की गूंथाई – यहाँ की गरिमा, संस्कृति, और समृद्धि की रौशनी हमें दुनिया की ऊँचाइयों तक पहुँचा रही है। इसमें हमारा एक अनबॉक्स किया हुआ इतिहास है, जिससे हम सीख रहे हैं और जिस पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

सारे जहाँ से अच्छा, हमारा दिल कहता है – यहाँ का हर शहर है, हमारा देश प्यारा, हर दिल में बसा है – यह है वह स्वर्ग है जिसे धरती पर ही पाया जा सकता है, और हम उसे बसा कर रख रहे हैं। इसका हर कोना है भूपूज्य, और हर शब्द एक कहानी कह रहा है, “सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिन्दोस्तां।”

इस देश की धरती में छुपी अनगिनत कहानियों और विरासतों का जादू हर कदम पर बरकरार है। हमारी मिट्टी ने अपने आप में एक समृद्धि की कहानी बुन रखी है, जिसमें हर रंग, हर स्वर, और हर कदम से नए सपनों का निर्माण हो रहा है।

सारे जहाँ से अच्छा, यहाँ की बुलबुलें हैं इस गुलिस्तां की खोज में, और इस धरती का हर हिस्सा हमें अपनी शान में गर्वित होने का अवसर देता है। परचम ऐ सितारा ओ हिलाल, इस देश की स्वतंत्रता का प्रतीक, और यही एक ऐसा जवाँ चमन है जिसमें आसमान गुलज़ार हमारा है।

मजबूती से भरा, इसका हर कोना दिखाता है कि यहाँ की ज़िन्दगी है जीने का मजा। सान्निध्य हमारा है, और दिल में बसा है इसका जूनूना – यहाँ के लोगों की शक्ति और उनका समर्पण इसे एक अनूती रिश्ते और मोहब्बत की कहानी में बदल देता है।

प्यार से बढ़कर, इस मिट्टी का रिश्ता दिखाता है कि हम एक बड़े परिवार के हिस्से हैं, जहाँ प्रेम और समर्पण का तात्पर्य हमें अद्भुतता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। ये है हमारा दिल, और ये है हमारा इरादा – सारे जहाँ से अच्छा, बस एक नारा, “हम हैं इस देश के, गर्व से यही कहें हम हमारा।”

इस धरती पर रहकर अपना सपना पूरा करेंगे हम, सारे जहाँ को दिखाएंगे हमारा यहाँ का दम – हर कदम पर, हर मुश्किल में, हम इस देश की बुलंदीयों को छूने का संकल्प लेते हैं।

सारे जहाँ से अच्छा, इसका हर शहर है, हमारा देश प्यारा, हर दिल में बसा है – यह है वह स्वर्ग है जिसे हमने यहाँ पर ही खोजा है, और हम उसे अपने दिल में सजा कर रखते हैं। सारे जहाँ से अच्छा, इस हिन्दोस्तां की बात सुनता है हमारा दिल, और इसी में हमारा गर्व है।

“सारे जहाँ से अच्छा” कविता का लेखक आलाम इकबाल (Allama Iqbal) हैं। आलाम इकबाल एक भारतीय-उर्दू शायर, फ़िलॉसफर, और राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें “देशभक्ति का शायर” कहा जाता है। इनकी कविताएं और उनके दरबारी भाषण आधुनिक उर्दू और पर्सियन साहित्य में महत्वपूर्ण हैं। “सारे जहाँ से अच्छा” उनकी मशहूर कविताओं में से एक है, जिसमें वह भारत की शान और गरिमा की बहादुरी को बयान करते हैं।

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